Lady finger contains a rich amount of vitamin C, vitamin A, vitamin B, folcaline, fibre, magnesium, potassium and calcium.
The soluble fiber helps reduce the risk of heart diseases
Lady finger contains a rich amount of vitamin C, vitamin A, vitamin B, folcaline, fibre, magnesium, potassium and calcium.
The soluble fiber helps reduce the risk of heart diseases. It helps in pregnancy due to folic acid.
It also helps as anti-ulcer, pneumonia, urinary problems and tuberculosis of the lungs.
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भिंडी की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली उपजाऊ भूमि उपयोगी होती है. लेकिन अधिक पैदावार के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. इसकी खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान 7 से 8 के बीच होना चाहिए.भिंडी की खेती के लिए गर्म और आद्र जलवायु उपयुक्त होती है. सामान्य बारिश इसकी खेती के लिए काफी होती है. अधिक सर्दी और अधिक गर्मी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नही होती. सर्दियों में पड़ने वाला पाला इसकी खेती को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाता है.भिंडी के बीज की रोपाई सीधे खेतों में की जाती है. भिंडी के बीज की रोपाई आद्रता युक्त भूमि में की जाती है. इस कारण इसके बीजों को तुरंत सिंचाई की जरूरत नही होती है. इसके पौधे की सिंचाई मौसम के आधार पर की जाती है. शुरुआत में इसके पौधे की 10 से 15 दिन के अंतराल में सिंचाई करें. भिंडी की खेती के लिए जमीन में उर्वरक की उचित मात्रा का होना जरूरी होता है. इसके लिए शुरुआत में खेत की जुताई के वक्त लगभग 15 गाडी प्रति एकड़ के हिसाब से पुरानी गोबर की खाद या एक टन वर्मी कम्पोस्ट खाद को खेत में डालकर मिट्टी में मिला दें. भिंडी की हर किस्म के पौधे बीज रोपाई के लगभग 40 से 50 दिन बाद पैदावार देना शुरू कर देते हैं. भिंडी के फलों की तुड़ाई कई चरणों में की जाती है. पहली तुड़ाई करने के बाद चार से पांच दिन के अंतराल में तुड़ाई करते रहना चाहिए.